*हिन्दू ग्रंथो का विज्ञान
(SCIENCE)***********
साथियो अक्सर कहाँ जाता ...है की हिन्दू धर्म ग्रंथो मे
आधुनिक विज्ञान से भी कही बड्कर विज्ञान कूट-कूट
करा भरा है उसी विज्ञान की बातें लोगों के सामने
लाना मेरा उद्देश्य है तो साथियो आए देखे भूदेवताओ
द्वारा रचित ग्रंथो का विज्ञान **********
*****वराह (सुवर )भगवान विष्णु के 10 अवतारो मे
से तीसरा अवतार माना जाता है .स्वयाभू भूदेवताओ
द्वारा रचित ग्रंथो के अनुसार जब हिरण्याक्ष नामक
राक्षस पृथ्वी को बलपूर्वक घसीटकर समुद्र के नीचे ले
गया ,तब विष्णु ने पृथ्वी की रक्षा हेतु वराह अवतार
धारण किया। वराह और हिरण्याक्ष के बीच 1000
वर्ष तक यूध्द चला ,फिर वराह ने राक्षस को मार
डाला और पृथ्वी को अपने बाहर निकले दाँतो पर उठाकर
जल से बाहर ले आए ।
*******साथियो ये है भूदेवताओ के रचित
ग्रंथो का विज्ञान *****जरा सोचिए ****
1*-सभी जानते है ही पृथ्वी जमीन के भाग और पानी के
भाग दोनों से मिलकर बनी है
भूमि 25%तथा पानी 75% मिलकर पृथ्वी का निर्माण
हुआ है तो फिर राक्षस पृथ्वी को समुद्र मे कैसे
घसीटकर ले जा सकता है..??/
2*-भगवान विष्णु ने पृथ्वी को बचाने वराह (सुवर )
का अवतार लिया । क्या उसे दूसरा अवतार
नही मिला लेने को केवल वही था बचा ........???
3*-1000 वर्ष तक यूध्द होता रहा तो इन योध्दओ
की उम्र का अंदाजा आप खुद ही लगाये , 4*- वराह ने
पृथ्वी को अपने बाहर निकले दाँतो पर उठाया ....???
क्या ये संभव है ??
******साथियो ये है स्वमभू भूदेवताओ की ज्ञान
विज्ञान की बातें .....??जिसका बखान कराते ये
कभी भी नही थकते, और हिन्दू भाइयो को इसी ज्ञान
की बातों का प्रवचन देकर अंधविश्वासी और बेवकूफ
बनाते है ****
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